तखतपुर। जनता की सुरक्षा और आपात परिस्थितियों में जीवन रक्षक मानी जाने वाली डायल 112 सेवा तखतपुर क्षेत्र में इन दिनों खुद मदद की मोहताज नजर आ रही है। डायल 112 का वाहन लगभग पिछले 15 दिनों से खराब पड़ा हुआ है, लेकिन जिम्मेदार विभागों की उदासीनता या जिले में वाहन उपलब्ध नहीं होने के कारण अब तक न तो इसकी मरम्मत कराई गई है और न ही कोई स्थायी वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।

डायल 112 वाहन के सक्रिय रहने से क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं, जहर सेवन, घरेलू विवाद, अचानक बीमार पड़े मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने जैसे मामलों में त्वरित सहायता मिलती रही है। यह सेवा कई बार घायल और गंभीर मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित हुई है।
बता दे कि डायल 112 वाहन में कई बार बच्चों की किलकारी गूंजी है और जच्चा-बच्चा दोनों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया है जिसके लिए पुलिस जवानों को पुरस्कृत किए गए है।
लेकिन जब यही सेवा ठप हो जाती है, तो उसके परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं, इसका उदाहरण हाल के दिनों में सामने आया है।
पिछले कुछ समय में तखतपुर क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की दर्दनाक मौत हुई है और कई लोग घायल हुए है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन सभी मामलों में कहीं न कहीं आपातकालीन सेवा डायल 112 से संपर्क जरूर किया गया होगा, लेकिन तखतपुर का डायल 112 वाहन खराब होने के कारण वह मौके पर नहीं पहुंच सका। मजबूरी में दूसरे थाना क्षेत्र से डायल 112 वाहन भेजा गया, जिसे घटनास्थल तक पहुंचने में काफी समय लग गया और यही देरी कई मामलों में जानलेवा साबित हुई।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब हर मिनट की कीमत एक जान होती है, तब ऐसी लापरवाही की जिम्मेदारी आखिर किसकी है।
डायल 112 की बदहाली का असर गर्भवती महिलाओं पर भी साफ दिखाई दिया है। आंकड़ों के अनुसार 01 दिसंबर से 14 दिसंबर तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 42 गर्भवती महिलाएं आपात स्थिति में पहुंचीं। इनमें से अधिकतर परिवारों ने पहले डायल 112 सेवा से संपर्क किया था, लेकिन वाहन खराब होने के कारण अधिकतर लोगों को उ निजी साधनों से अस्पताल पहुंचना पड़ा।
इस दौरान कई परिवारों को रात के समय वाहन नहीं मिलने, अस्पताल पहुंचने में देरी होने, तथा आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
डायल 112 सेवा का उद्देश्य त्वरित प्रतिक्रिया और तत्काल सहायता है, लेकिन तखतपुर क्षेत्र में यह सुविधा फिलहाल वाहन खराब होने के कारण ढप नजर आ रही है।
लोगों का कहना है कि यदि डायल 112 वाहन समय पर उपलब्ध होता, तो सड़क दुर्घटनाओं में हुई कुछ मौतों को रोका जा सकता था।
अब क्षेत्र में प्रशासन से यह सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर तखतपुर का डायल 112 वाहन कब तक दुरुस्त होगा। क्या किसी और मौत के बाद ही विभाग जागेगा। आपातकालीन सेवा की जिम्मेदारी आखिर किसकी है।
क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि डायल 112 वाहन को तत्काल ठीक कर सेवा बहाल की जाए, साथ ही स्थायी वैकल्पिक वाहन की व्यवस्था भी की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी परिवार के सदस्य को इस तरह की लचर व्यवस्था से अपनी जान ना गवाना पड़े ।
खबर पिटारा….


