Rifleman Shailendra Singh Katht ड्यूटी के दौरान देश की रक्षा के खातिर 2024 में शहीद
उत्तराखंड के कर्तव्यनिष्ठ Rifleman Shailendra Singh Katht शहीद ने राष्ट्र की रक्षा के लिए दिया बलिदान
उत्तरकाशी: एक दिल दहला देने वाली घटना से देश के साथ-साथ उत्तराखंड भी शोक में डूबा हुआ है. उत्तरकाशी के कुमराड़ा गांव के निवासी और भारतीय सेना के गढ़वाल स्काउट्स के सदस्य Rifleman Shailendra Singh Katht ने कड़ी ड्यूटी के दौरान वीरगति प्राप्त की। उनके बलिदान की खबर से गांव और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
बुधवार को जांबाज Rifleman Shailendra Singh Katht का पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा, जहां पैतृक श्मशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। ड्यूटी के दौरान चीन सीमा के पास गश्त के दौरान ग्लेशियर से फिसलकर उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। विकास खंड चिनोली सौड़ के कुमराड़ा गांव निवासी 28 वर्षीय Rifleman Shailendra Singh Katht गढ़वाल स्काउट्स में जोशीमठ में तैनात थे।
परिवार को सेना के अधिकारियों ने सूचित किया कि सीमा पर गोल्डन पोस्ट नीती के पास गश्त के दौरान Rifleman Shailendra Singh Katht का बलिदान हो गया। पता चला कि साथियों के साथ गश्त के दौरान Rifleman Shailendra Singh Katht का पैर फिसल गया और वह ग्लेशियर से गिर गये। जब तक उन्हें बचाया गया, तब तक Rifleman Shailendra Singh Katht अपनी जान दे चुके थे।
Rifleman Shailendra Singh Katht के चाचा ओम प्रकाश ने बताया कि दो महीने पहले ही Rifleman Shailendra Singh Katht के पिता कृपाल सिंह काठ का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। 22 नवंबर को Rifleman Shailendra Singh Katht ने नया मकान बनाने का इरादा जताते हुए छुट्टी ले ली थी।
उन्होंने उल्लेख किया कि वह परिवार में अकेले कमाने वाले थे, उनकी दो छोटी बहनें हैं। उनकी पत्नी अंजू और मां उनके बलिदान से सदमे में हैं। Rifleman Shailendra Singh Katht अपने पीछे पांच और एक साल की दो बेटियां छोड़ गए हैं। उनकी शहादत पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, ग्राम प्रधान विनोद पुरसोड़ा, पूर्व प्रधान विजेंद्र रावत, पूनम रमोला और शीशपाल रमोला ने शोक जताया है। रिश्तेदारों ने उनके नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ कुमराडा में उनके पैतृक श्मशान घाट पर किया जाएगा।”
उत्तरकाशी उत्तराखंड के लिए एक बेहद दुखद खबर
उत्तरकाशी के कुमराड़ा गांव निवासी और भारतीय सेना के गढ़वाल स्काउट्स के सदस्य Rifleman Shailendra Singh Katht सिंह कठैत ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। उनके बलिदान की खबर से गांव और आसपास के इलाके में शोक की लहर है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, Rifleman Shailendra Singh Katht सिंह काठ भारत-चीन सीमा पर नीती घाटी में गोल्डन पोस्ट पर तैनात थे।
पिछले दिनों वह अपने साथियों के साथ गश्त कर रहे थे और ड्यूटी के दौरान वह शहीद हो गये. शहीद Rifleman Shailendra Singh Katht का पार्थिव शरीर बुधवार को घर लाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव स्थित पैतृक श्मशान घाट पर किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, Rifleman Shailendra Singh Katht अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे। उनकी दो छोटी बहनें थीं. बताया गया है कि अभी दो माह पहले ही Rifleman Shailendra Singh Katht के पिता कृपाल सिंह काठ का निधन हुआ था। अपने पिता के निधन पर, Rifleman Shailendra Singh Katht घर आए थे, अंतिम संस्कार किया और ड्यूटी पर लौट आए।”
उत्तरकाशी: भारत-चीन सीमा पर शहीद हुआ उत्तराखंड का हीरो, दो महीने पहले पिता का निधन
Rifleman Shailendra Singh Katht ने भारतीय सेना के गढ़वाल स्काउट्स में राइफलमैन के रूप में कार्य किया। जानकारी के मुताबिक, भारत-चीन सीमा पर नीती घाटी में गोल्डन पोस्ट पर तैनात Rifleman Shailendra Singh Katht हाल के दिनों में गश्त पर थे. दुर्भाग्य से ड्यूटी के दौरान वह शहीद हो गये। जैसे ही सैन्य अधिकारियों के फोन से Rifleman Shailendra Singh Katht के बलिदान की खबर उनके परिवार को मिली, गांव और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई।
शहीद Rifleman Shailendra Singh Katht के चाचा अतर सिंह काठ के अनुसार, सैन्य अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया कि Rifleman Shailendra Singh Katht बर्फीले हिमस्खलन में फंस गए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
बताया जाता है कि Rifleman Shailendra Singh Katht दो छोटी बहनों के साथ अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे। दुखद बात यह है कि अभी दो महीने पहले ही Rifleman Shailendra Singh Katht अपने पिता कृपाल सिंह काठ के निधन के बाद घर लौटे थे। अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद वह ड्यूटी पर लौट आए थे। उनके बलिदान पर उनकी पत्नी अंजू और मां गहरे दुख में हैं। Rifleman Shailendra Singh Katht अपने पीछे पाँच और एक साल की दो बेटियाँ छोड़ गए हैं।”
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